शुभं करोति कल्याणं कलनग्यं धनसम्पदा। शत्रु बुद्धिनविनाशाय दीपज्योतिरनस्तुते ।।

Contact us

No comments:

About

मेरा ईस्वर मैं स्वंय हूँ इसलिए मुझे यह दुनिया कुछ अलग ही दिखाई देती हैं। यदि आप भी मेरी तरह इस दुनिया को देखना चाह्ते हैं तो मेरे साथ दो क़दम चलिए तो आपको इस दुनिया की कुछ अलग ही तस्वीर दिखाई देंगी

Followers

Blog Archive

Email subscriptions

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Recent Posts