शुभं करोति कल्याणं कलनग्यं धनसम्पदा। शत्रु बुद्धिनविनाशाय दीपज्योतिरनस्तुते ।।

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मेरा ईस्वर मैं स्वंय हूँ इसलिए मुझे यह दुनिया कुछ अलग ही दिखाई देती हैं। यदि आप भी मेरी तरह इस दुनिया को देखना चाह्ते हैं तो मेरे साथ दो क़दम चलिए तो आपको इस दुनिया की कुछ अलग ही तस्वीर दिखाई देंगी

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