Sad the heart
Sad the heart
1 >जिंदगी एक सजा हैपता नहीं और कितनी जुर्म बचा है
2 >ताश की जोकर
अपनों की ठोकर हमेशा बाजी घुमा देती है
3>यह वह आवाज है जो दिल से निकलती है
दिल को ही छूती है दिल में ही रहती हैं दिल को ही तोड़ देती है
4<जब भी मैं अपना चेहरा आईने में देखता हूं
ना जाने क्यों मुझे धुंधला सा दिखाई देता हैं
बंदा समुन्दर के किनारे खड़ा है
फिर भी ना जाने क्यों प्यासा दिखाई देता है
6 >इश्क उस पक्षी का नाम है
जो कभी अपना होता नहीं
इश्क तो सभी करते हैं
किंतु साथ कोई होता नहीं
7>घर से निकल पड़ा रास्ते में एक तरफ मकान था
तो एक तरफ कब्रस्तान था
पैरों तले एक हड्डी चली आई
उसकी यही जुबान था
ए मेरे दोस्त मैं भी कभी इंसान था।
8>परायो ने मुझे यह नहीं सिखाया
की अपना कौन है
किंतु अपनों ने मुझे
यह बता दिया कि पराया कौन है
9 >एक दूसरे को देखने में
आधी जवानी बीत गई
बाकी जो बचा जिंदगी
वह प्रेम कहानी लिखने में बीत गई
11 > हुस्न के बाजार में कभी मोहब्बत नहीं मिलते।
जहां पैसों की बोल हो वहां कभी इज्जत नहीं मिलते।
हम तो तुम्हारा उस राह पर इंतजार कर रहे थे।
जहां कभी मोहब्बत नहीं मिलते।
12 > चाहत की दौड़ में हम भी थे
किंतु दौड़ ना सके
तुम तो हमसे बहुत आगे निकल गए
फिर भी हम तुम्हें छोड़ ना सके
जय वासुदेव श्री कृष्ण
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