शुभं करोति कल्याणं कलनग्यं धनसम्पदा। शत्रु बुद्धिनविनाशाय दीपज्योतिरनस्तुते ।।

Monday, November 19, 2018

MEDITATION EFFECT

                                            धयान का प्रभाव  


धयान हमारे जीवन पर बहुत  गहरा असर डालता है जो हमारी पूरी जीवन को बदल कर रख देता है। यह उस सत्य से अवगत कराती है  जिसकी  हमने  कभी कलपना भी नहीं की इस क्रिया में उस परम ऊर्जा का परवहा होता है जिसका हर व्यक्ति सहन नहीं कर पाता है।  जब यह ऊर्जा हमारे जीवन में उतरती है तो काफी उथल -पुथल  होता है इसी उथल -पुथल में कई लोग पागल हो जाते है इस समय सयम रखना बहुत जरुरी  हो जाता है  अन्यथा  कुछ भी हो सकता। 

इसके  बाद जीवन में केवल आनंद ही आनंद है फिर आप  जो  चाहोगे वही मिलेगा। अधयातम का अर्थ यह नहीं होता की आपके जीवन मैं कोई चमत्कार हो जाय चमत्कार तो तभी है जब आप सांत हो जाए सांत होना ही चमत्कार है जब आप कोइ कार्य सांत होकर करते है तो उस कार्य मैं आप निश्चित ही सफल हो जाते है और सफलता ही अपने आप मैं एक चमत्कार हैं यदि आप सोचते हैं की धयान करने से हमारे जीवन मैं कोई चमत्कार हो जाएगा तो ऐसा कुछ भी नहीं होता है।

धयान से हमारी शरीर मैं वह ऊर्जा की परवाह होती है जिससे हमारी सोइ हुई सारी इंदरिया जाग जाती जो हमे देखने ,सुनने और बोलने मैं ओरो की तुलना मैं बेहत्तर बनाती हैं। हमे किसी कार्य करने की जितनी ऊर्जा की आवयश्कता होती हैं उतनी ऊर्जा हमारा शरीर दें नहीं पाता हैं तो इस दौरान वह सारी ऊर्जा हमे बरह्माण्ड से प्राप्त होने लगता है अर्थात हमारा मस्तिष्क बरम्हमाण्डीय हो जाता और जब हम ब्रह्ममांडिये हो जाय तो पाना क़्या सेश रह जाता हैं।

जब यह ऊर्जा हमे प्राप्त होने लगती तो हमारे व्यव्हार मैं परिवर्तन आ जाती हैं। तब हम पाप -पुण्य,झुठ -सच ,तेरा -मेरा ,अपना -पराया इन सब से ऊपर उठ जाते है इतनी ऊपर उठ जाते है की जब भीड़ मैं चलते है तो अकेला दिखाई देता हूँ क्यूकि सम्पूर्ण भीड़ तो मैं ही हूँ तो बचा क्या। तब मेरा अपना परिवार नहीं ,समाज नहीं ,राज्य नहीं ,देश नहीं सम्पुर्ण जगत हैं फिर मेरा सारा सम्बन्ध जगत से हो जाता है

लेकीन कुछ लोग ऐसे भी होते जो इस रास्ते पर चलते -चलते थक जाते हैं और फिर आगे नहीं बढ़्ते इतना दुर आते -आते कुछ न कुछ अवश्य मिल जाता हैं जिसका या फिर यु कह ले की उस ऊर्जा का दुरुप्योग करता हैं समाज को हानि पहुँचता हैं और अंत मै ऐसे मरता है जैसे महापापी का अंत होता है। 

ये लोग जानते है की इस बुरे कार्य का परिणाम बुरा ही होगा फिर भी करते है और अपने बुरे कर्मो से बाज नहीं आते। समय इन लोगो को बार -बार चेतावनी देता हैं ऐसी बात नहीं हैं की समय इन लोगो को अगाह नहीं करता अवश्य करता हैं।

हम भली -भाँति जानते हैं की किसी भी चीज का दुरुपोग नहीं करना चाहिये अन्यथा उसका परिणाम बुरा ही होता हैं। अपने स्वार्थ के कारण बहुत कुछ गलत कर देते है जो करना उचित नहीं हैं किन्तु समय हमसे एक -एक पाई का हिसाब लेता है। समय का दंडविधान हमारे दंडविधान से कई गुना तीब्र गति से कार्य करती हैं। सावधान हो जाय और खुशी पूर्वक जीवन जिये।                                                                                                                                                                                                                                                      जय वासुदेव श्री कृष्ण          
                                                                                        

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